दो घड़ी उस से रहो दूर तो यूँ लगता है By Sher << रुख़्सार का दे शर्त नहीं ... बाक़ी की मोहब्बत में दिल ... >> दो घड़ी उस से रहो दूर तो यूँ लगता है जिस तरह साया-ए-दीवार से दीवार जुदा Share on: