दोनों हाथों से छुपा रक्खा है मुँह By Sher << अब अपना चेहरा बेगाना लगता... जो रुकावट थी हमारी राह की >> दोनों हाथों से छुपा रक्खा है मुँह आइने के वार से डरता हूँ मैं Share on: