दोनों तेरी जुस्तुजू में फिरते हैं दर दर तबाह By Sher << नक़्शे तो बहुत साने-ए-क़ु... सीने में दिल है दिल में द... >> दोनों तेरी जुस्तुजू में फिरते हैं दर दर तबाह दैर हिन्दू छोड़ कर काबा मुसलमाँ छोड़ कर Share on: