दो-रंगी ख़ूब नहीं यक-रंग हो जा By Sher << ये तो मालूम है उन तक न सद... वर्ना तो हम मंज़र और पस-म... >> दो-रंगी ख़ूब नहीं यक-रंग हो जा सरापा मोम हो या संग हो जा Share on: