दोस्त दो-चार निकलते हैं कहीं लाखों में By Sher << रोया करेंगे आप भी पहरों इ... कोई जुनूँ कोई सौदा न सर म... >> दोस्त दो-चार निकलते हैं कहीं लाखों में जितने होते हैं सिवा उतने ही कम होते हैं Share on: