दोस्त ग़म-ख़्वारी में मेरी सई फ़रमावेंगे क्या By Sher << कितने ऐश से रहते होंगे कि... यार तक ले न गए अश्क बहा क... >> दोस्त ग़म-ख़्वारी में मेरी सई फ़रमावेंगे क्या ज़ख़्म के भरते तलक नाख़ुन न बढ़ जावेंगे क्या what use would be my friends to me if sympathy they'd shown by the time these wounds do heal wont my nails have grown Share on: