दुआ ही वज्ह-ए-करामात थोड़ी होती है By Sher << है जब तक दश्त-पैमाई सलामत याद इतना है मिरे लब पे फ़... >> दुआ ही वज्ह-ए-करामात थोड़ी होती है ग़ज़ब की धूप में बरसात थोड़ी होती है Share on: