दुआ को हात उठाते हुए लरज़ता हूँ By Sher << क़रार दिल को सदा जिस के न... ये यक़ीं है की मेरी उल्फ़... >> दुआ को हात उठाते हुए लरज़ता हूँ कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए Share on: