दुबकी हुई थी गुरबा-सिफ़त ख़्वाहिश-ए-गुनाह By Sher << मुझी से पूछ रहा था मिरा प... या इलाहाबाद में रहिए जहाँ... >> दुबकी हुई थी गुरबा-सिफ़त ख़्वाहिश-ए-गुनाह चुमकारने से फूल गई शेर हो गई Share on: