दुख झेलो तो जी कड़ा ही रखना By Sher << यूँ तो कई किताबें पढ़ीं ज... जुस्तुजू का इक अजब सिलसिल... >> दुख झेलो तो जी कड़ा ही रखना दिल है तो हिसाब-ए-दोस्ताँ है Share on: