दुख के जंगल में फिरते हैं कब से मारे मारे लोग By Sher << अम्न और तेरे अहद में ज़ाल... इक सफ़र फिर मरी तक़दीर हु... >> दुख के जंगल में फिरते हैं कब से मारे मारे लोग जो होता है सह लेते हैं कैसे हैं बेचारे लोग Share on: