दुख सफ़र का है कि अपनों से बिछड़ जाने का ग़म By Sher << एक इक साँस में सदियों का ... दिल कुछ देर मचलता है फिर ... >> दुख सफ़र का है कि अपनों से बिछड़ जाने का ग़म क्या सबब है वक़्त-ए-रुख़्सत हम-सफ़र ख़ामोश हैं Share on: