दुनिया की बहारों से आँखें यूँ फेर लीं जाने वालों ने By Sher << इक नज़र का फ़साना है दुनि... दिया ख़ामोश है लेकिन किसी... >> दुनिया की बहारों से आँखें यूँ फेर लीं जाने वालों ने जैसे कोई लम्बे क़िस्से को पढ़ते पढ़ते उकता जाए Share on: