दुनिया से हट के इक नई दुनिया बना सकें By Sher << दिल से क्या पूछता है ज़ुल... इश्क़ में ख़ैर था जुनूँ ल... >> दुनिया से हट के इक नई दुनिया बना सकें कुछ अहल-ए-आरज़ू इसी हसरत में मर गए Share on: