दुनिया शायद भूल रही है By Sher << है हुसूल-ए-आरज़ू का राज़ ... ख़ौफ़ आँखों में मिरी देख ... >> दुनिया शायद भूल रही है चाहत कुछ ऊँचा सुनती है Share on: