दूर तक फैला हुआ पानी ही पानी हर तरफ़ By Sher << अभी से छोटी हुई जा रही है... मैं तिरे हुस्न का ख़ल्वत ... >> दूर तक फैला हुआ पानी ही पानी हर तरफ़ अब के बादल ने बहुत की मेहरबानी हर तरफ़ Share on: