दूसरों से कब तलक हम प्यास का शिकवा करें By Sher << दिल के उजड़े नगर को कर आब... चलो हम भी वफ़ा से बाज़ आए >> दूसरों से कब तलक हम प्यास का शिकवा करें लाओ तेशा एक दरिया दूसरा पैदा करें Share on: