दुश्मन से और होतीं बहुत बातें प्यार की By Sher << पक्का रस्ता कच्ची सड़क और... कोई गोशा ख़्वाब का सा ढूँ... >> दुश्मन से और होतीं बहुत बातें प्यार की शुक्र-ए-ख़ुदा ये है कि वो बुत कम-सुख़न हुआ Share on: