ऐ दिल-ए-बे-जुरअत इतनी भी न कर बे-जुरअती By Sher << मैं ख़याल हूँ किसी और का ... पलकों से गिरे है अश्क टप ... >> ऐ दिल-ए-बे-जुरअत इतनी भी न कर बे-जुरअती जुज़ सबा उस गुल का इस दम पासबाँ कोई नहीं Share on: