ऐ मिशअल-ए-उम्मीद ये एहसान कम नहीं By Sher << और इशरत की तमन्ना क्या कर... ऐ अहल-ए-वफ़ा ख़ाक बने काम... >> ऐ मिशअल-ए-उम्मीद ये एहसान कम नहीं तारीक शब को तू ने दरख़्शाँ बना दिया Share on: