ऐ परी-ज़ाद जो तू रक़्स करे मस्ती में By Sher << अपने बेगाने से अब मुझ को ... ऐ बे-ख़ुदी-ए-दिल मुझे ये ... >> ऐ परी-ज़ाद जो तू रक़्स करे मस्ती में दाना-ए-ताक हर इक पाँव में घुंघरू हो जाए Share on: