ऐ सालिक इंतिज़ार-ए-हज में क्या तू हक्का-बक्का है By Sher << अब के जुनूँ में फ़ासला शा... सो जाती है बस्ती तो मकाँ ... >> ऐ सालिक इंतिज़ार-ए-हज में क्या तू हक्का-बक्का है बगूले सा तो कर ले तौफ़ दिल पहलू में मक्का है Share on: