ऐ याद-ए-यार देख कि बा-वस्फ़-ए-रंज-ए-हिज्र By Sher << ऐसे बिगड़े कि फिर जफ़ा भी... आरज़ू तेरी बरक़रार रहे >> ऐ याद-ए-यार देख कि बा-वस्फ़-ए-रंज-ए-हिज्र मसरूर हैं तिरी ख़लिश-ए-ना-तवाँ से हम Share on: