याद था 'सुक़रात' का क़िस्सा सभी को 'एहतिराम' By Sher << सुबू में अक्स-ए-रुख़-ए-मा... रस्ते फ़रार के सभी मसदूद ... >> याद था 'सुक़रात' का क़िस्सा सभी को 'एहतिराम' सोचिए ऐसे में बढ़ कर सच को सच कहता तो कौन Share on: