एक बेचैन समुंदर है मिरे जिस्म में क़ैद By Sher << नीला अम्बर चाँद सितारे बच... तम्हीद थी जुनूँ की गरेबाँ... >> एक बेचैन समुंदर है मिरे जिस्म में क़ैद टूट जाए जो ये दीवार तो मंज़र देखूँ Share on: