एक चराग़ और एक किताब और एक उम्मीद असासा By Sher << तिरे न आने से दिल भी नहीं... तितलियाँ उड़ती हैं और उन ... >> एक चराग़ और एक किताब और एक उम्मीद असासा उस के बा'द तो जो कुछ है वो सब अफ़्साना है Share on: