इक धुँदलका हूँ ज़रा देर में छट जाऊँगा By Sher << अचानक हड़बड़ा कर नींद से ... हम भी तिरे बेटे हैं ज़रा ... >> इक धुँदलका हूँ ज़रा देर में छट जाऊँगा मैं कोई रात नहीं हूँ जो सहर तक जाऊँ Share on: