एक धुँदला सा तसव्वुर है कि दिल भी था यहाँ By Sher << दुनिया के जो मज़े हैं हरग... आमद आमद है तिरे शहर में क... >> एक धुँदला सा तसव्वुर है कि दिल भी था यहाँ अब तो सीने में फ़क़त इक टीस सी पाता हूँ मैं Share on: