एक क़ब्रिस्तान में घर मिल रहा है By Sher << मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूँ अब तो इस तालाब का पानी बद... >> एक क़ब्रिस्तान में घर मिल रहा है जिस में तह-ख़ानों से तह-ख़ाने लगे हैं Share on: