एक रिश्ता भी मोहब्बत का अगर टूट गया By Sher << है शाम अभी क्या है बहकी ह... इक नज़र का फ़साना है दुनि... >> एक रिश्ता भी मोहब्बत का अगर टूट गया देखते देखते शीराज़ा बिखर जाता है Share on: