एक उम्र भर में तय ये सफ़र मुख़्तसर हुआ By Sher << उस का चेहरा उदास है '... मेरी आँखों में किसी ने नह... >> एक उम्र भर में तय ये सफ़र मुख़्तसर हुआ शहर-ए-ख़मोशाँ घर से बहुत दूर तो न था Share on: