एक वाइज़ है कि जिस की दावतों की धूम है By Sher << तू ने यूँ देखा है जैसे कभ... जिस दिल-रुबा से हम ने आँख... >> एक वाइज़ है कि जिस की दावतों की धूम है एक हम हैं जिस के घर कल मय उधार आने को थी Share on: