फ़ासले ये सिमट नहीं सकते By Sher << इस क़दर बढ़ने लगे हैं घर ... हम फ़क़त तेरी गुफ़्तुगू म... >> फ़ासले ये सिमट नहीं सकते अब परायों में कर शुमार मुझे Share on: