रस्ते में 'फहीम' उस की तबीअत का बिगड़ना By Sher << इक सज़ा और असीरों को सुना... ये मिरी बज़्म नहीं है लेक... >> रस्ते में 'फहीम' उस की तबीअत का बिगड़ना घर जाने का इक और बहाना तो नहीं है Share on: