फैला फ़ज़ा में नग़्मा-ए-ज़ंजीर-ए-मर्हबा By Sher << नाख़ुन का रंग सीना-ख़राशी... मैं एक इश्क़ में नाकाम क्... >> फैला फ़ज़ा में नग़्मा-ए-ज़ंजीर-ए-मर्हबा ज़िंदाँ में घुट के रह न सकी ज़िंदगी की बात Share on: