फ़ज़ा उदास है रुत मुज़्महिल है मैं चुप हूँ By Sher << जो क़यामत का नहीं दिन वो ... चाहत की तमन्ना से कोई आँच... >> फ़ज़ा उदास है रुत मुज़्महिल है मैं चुप हूँ जो हो सके तो चला आ किसी की ख़ातिर तू Share on: