फ़ज़ा ये अम्न-ओ-अमाँ की सदा रखें क़ाएम By Sher << अपना सच उस को सुनाने के ल... आजिज़ी आज है मुमकिन है न ... >> फ़ज़ा ये अम्न-ओ-अमाँ की सदा रखें क़ाएम सुनो ये फ़र्ज़ तुम्हारा भी है हमारा भी Share on: