क़ैद-ए-ग़म-ए-हयात भी क्या चीज़ है 'फ़ना' By Sher << क्यूँ जवानी की मुझे याद आ... अपने सर इक बला तो लेनी थी >> क़ैद-ए-ग़म-ए-हयात भी क्या चीज़ है 'फ़ना' राह-ए-फ़रार मिल न सकी उम्र-भर फिरे Share on: