या-रब तिरी रहमत से मायूस नहीं 'फ़ानी' By Sher << लब-ए-मय-गूँ का तक़ाज़ा है... नज़र जो कोई भी तुझ सा हसी... >> या-रब तिरी रहमत से मायूस नहीं 'फ़ानी' लेकिन तिरी रहमत की ताख़ीर को क्या कहिए Share on: