मैं ने 'फ़ानी' डूबती देखी है नब्ज़-ए-काएनात By Sher << हाथ रक्खा मैं ने सोते में... मिल ही जाएगा कभी दिल को य... >> मैं ने 'फ़ानी' डूबती देखी है नब्ज़-ए-काएनात जब मिज़ाज-ए-यार कुछ बरहम नज़र आया मुझे Share on: