फ़र्दा-ओ-दी का तफ़रक़ा यक बार मिट गया By Sher << क्या कहा इश्क़ जावेदानी ह... मैं ने देखा है बहारों में... >> फ़र्दा-ओ-दी का तफ़रक़ा यक बार मिट गया कल तुम गए कि हम पे क़यामत गुज़र गई Share on: