फ़साद रोकने कम-ज़र्फ़ लोग पहुँचे हैं By Sher << ऐ परी-ज़ाद तेरे जाने पर बादलों की आस उस के साथ ही... >> फ़साद रोकने कम-ज़र्फ़ लोग पहुँचे हैं घरों में रह गए रौशन ज़मीर जितने थे Share on: