फेर लाता है ख़त-ए-शौक़ मिरा हो के तबाह By Sher << भागे थे हम बहुत सो उसी की... मुद्दत से इल्तिफ़ात मिरे ... >> फेर लाता है ख़त-ए-शौक़ मिरा हो के तबाह ज़ब्ह कर डालूँगा अब की जो कबूतर बहका Share on: