फ़िक्र-ए-तामीर में हूँ फिर भी मैं घर की ऐ चर्ख़ By Sher << गंदुमी रंग जो है दुनिया म... दुनिया में हम रहे तो कई द... >> फ़िक्र-ए-तामीर में हूँ फिर भी मैं घर की ऐ चर्ख़ अब तलक तू ने ख़बर दी नहीं सैलाब के तईं Share on: