फिर लाई है बरसात तिरी याद का मौसम By Sher << हुस्न और इश्क़ दोनों में ... हाल-ए-परेशाँ सुन कर मेरा ... >> फिर लाई है बरसात तिरी याद का मौसम गुलशन में नया फूल खिला देख रहा हूँ Share on: