फिर तिरा ज़िक्र किया बाद-ए-सबा ने मुझ से By Sher << क्या रूप दोस्ती का क्या र... फिर कई ज़ख़्म-ए-दिल महक उ... >> फिर तिरा ज़िक्र किया बाद-ए-सबा ने मुझ से फिर मिरे दिल को धड़कने के बहाने आए Share on: