फिर वही हम थे वही तुम थे मोहब्बत थे वही By Sher << फूल जब झड़ने लगे रंगीं-बय... पहुँचाया ता-ब-काबा-ए-मक़्... >> फिर वही हम थे वही तुम थे मोहब्बत थे वही सुल्ह कर लेते अगर आँखें लड़ाने के लिए Share on: