फिर यही रुत हो ऐन मुमकिन है By Sher << चाँद है पानी में या भूले ... करोगे याद तो हर बात याद आ... >> फिर यही रुत हो ऐन मुमकिन है पर तिरा इंतिज़ार हो कि न हो Share on: