न कोई वा'दा न कोई यक़ीं न कोई उमीद By Sher << सुब्ह-ए-काज़िब की हवा में... था इरादा तिरी फ़रियाद करे... >> न कोई वा'दा न कोई यक़ीं न कोई उमीद मगर हमें तो तिरा इंतिज़ार करना था no promise,surety, nor any hope was due yet i had little choice but to wait for you Share on: