एहसास-ए-जुर्म जान का दुश्मन है 'जाफ़री' By Sher << गए मौसम का इक पीला सा पत्... गर्मी से मुज़्तरिब था ज़म... >> एहसास-ए-जुर्म जान का दुश्मन है 'जाफ़री' है जिस्म तार तार सज़ा के बग़ैर भी Share on: